You are here: Home » Chapter 48 » Verse 26 » Translation
Sura 48
Aya 26
26
إِذ جَعَلَ الَّذينَ كَفَروا في قُلوبِهِمُ الحَمِيَّةَ حَمِيَّةَ الجاهِلِيَّةِ فَأَنزَلَ اللَّهُ سَكينَتَهُ عَلىٰ رَسولِهِ وَعَلَى المُؤمِنينَ وَأَلزَمَهُم كَلِمَةَ التَّقوىٰ وَكانوا أَحَقَّ بِها وَأَهلَها ۚ وَكانَ اللَّهُ بِكُلِّ شَيءٍ عَليمًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

याद करो जब इनकार करनेवाले लोगों ने अपने दिलों में हठ को जगह दी, अज्ञानपूर्ण हठ को; तो अल्लाह ने अपने रसूल पर और ईमानवालो पर सकीना (प्रशान्ति) उतारी और उन्हें परहेज़गारी (धर्मपरायणता) की बात का पाबन्द रखा। वे इसके ज़्यादा हक़दार और इसके योग्य भी थे। अल्लाह तो हर चीज़ जानता है