93فَتَوَلّىٰ عَنهُم وَقالَ يا قَومِ لَقَد أَبلَغتُكُم رِسالاتِ رَبّي وَنَصَحتُ لَكُم ۖ فَكَيفَ آسىٰ عَلىٰ قَومٍ كافِرينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतब वह उनके यहाँ से यह कहता हुआ फिरा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगो! मैंने अपने रब के सन्देश तुम्हें पहुँचा दिए और मैंने तुम्हारा हित चाहा। अब मैं इनकार करनेवाले लोगो पर कैसे अफ़सोस करूँ!"