62أُبَلِّغُكُم رِسالاتِ رَبّي وَأَنصَحُ لَكُم وَأَعلَمُ مِنَ اللَّهِ ما لا تَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"अपने रब के सन्देश पहुँचता हूँ और तुम्हारा हित चाहता हूँ, और मैं अल्लाह की ओर से वह कुछ जानता हूँ, जो तुम नहीं जानते।"