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Sura 7
Aya 46
46
وَبَينَهُما حِجابٌ ۚ وَعَلَى الأَعرافِ رِجالٌ يَعرِفونَ كُلًّا بِسيماهُم ۚ وَنادَوا أَصحابَ الجَنَّةِ أَن سَلامٌ عَلَيكُم ۚ لَم يَدخُلوها وَهُم يَطمَعونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और बेहश्त व दोज़ख के दरमियान एक हद फ़ासिल है और कुछ लोग आराफ़ पर होगें जो हर शख्स को (बेहिश्ती हो या जहन्नुमी) उनकी पेशानी से पहचान लेगें और वह जन्नत वालों को आवाज़ देगें कि तुम पर सलाम हो या (आराफ़ वाले) लोग अभी दाख़िले जन्नत नहीं हुए हैं मगर वह तमन्ना ज़रूर रखते हैं