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Sura 66
Aya 6
6
يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا قوا أَنفُسَكُم وَأَهليكُم نارًا وَقودُهَا النّاسُ وَالحِجارَةُ عَلَيها مَلائِكَةٌ غِلاظٌ شِدادٌ لا يَعصونَ اللَّهَ ما أَمَرَهُم وَيَفعَلونَ ما يُؤمَرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और बिन ब्याही कुंवारियाँ हो ऐ ईमानदारों अपने आपको और अपने लड़के बालों को (जहन्नुम की) आग से बचाओ जिसके इंधन आदमी और पत्थर होंगे उन पर वह तन्दख़ू सख्त मिजाज़ फ़रिश्ते (मुक़र्रर) हैं कि ख़ुदा जिस बात का हुक्म देता है उसकी नाफरमानी नहीं करते और जो हुक्म उन्हें मिलता है उसे बजा लाते हैं