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Sura 52
Aya 29
29
فَذَكِّر فَما أَنتَ بِنِعمَتِ رَبِّكَ بِكاهِنٍ وَلا مَجنونٍ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अतः तुम याद दिलाते रहो। अपने रब की अनुकम्पा से न तुम काहिन (ढोंगी भविष्यवक्ता) हो और न दीवाना