29وَإِذ صَرَفنا إِلَيكَ نَفَرًا مِنَ الجِنِّ يَستَمِعونَ القُرآنَ فَلَمّا حَضَروهُ قالوا أَنصِتوا ۖ فَلَمّا قُضِيَ وَلَّوا إِلىٰ قَومِهِم مُنذِرينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जब हमने जिनों में से कई शख़्शों को तुम्हारी तरफ मुतावज्जे किया कि वह दिल लगाकर क़ुरान सुनें तो जब उनके पास हाज़िर हुए तो एक दुसरे से कहने लगे ख़ामोश बैठे (सुनते) रहो फिर जब (पढ़ना) तमाम हुआ तो अपनी क़ौम की तरफ़ वापस गए