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Sura 44
Aya 4
4
فيها يُفرَقُ كُلُّ أَمرٍ حَكيمٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

इसी रात को तमाम दुनिया के हिक़मत व मसलेहत के (साल भर के) काम फ़ैसले किये जाते हैं