23أَأَتَّخِذُ مِن دونِهِ آلِهَةً إِن يُرِدنِ الرَّحمٰنُ بِضُرٍّ لا تُغنِ عَنّي شَفاعَتُهُم شَيئًا وَلا يُنقِذونِफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"क्या मैं उससे इतर दूसरे उपास्य बना लूँ? यदि रहमान मुझे कोई तकलीफ़ पहुँचाना चाहे तो उनकी सिफ़ारिश मेरे कुछ काम नहीं आ सकती और न वे मुझे छुडा ही सकते है