You are here: Home » Chapter 29 » Verse 26 » Translation
Sura 29
Aya 26
26
۞ فَآمَنَ لَهُ لوطٌ ۘ وَقالَ إِنّي مُهاجِرٌ إِلىٰ رَبّي ۖ إِنَّهُ هُوَ العَزيزُ الحَكيمُ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

तब सिर्फ लूत इबराहीम पर ईमान लाए और इबराहीम ने कहा मै तो देस को छोड़कर अपने परवरदिगार की तरफ (जहाँ उसको मंज़ूर हो ) निकल जाऊँगा