You are here: Home » Chapter 27 » Verse 14 » Translation
Sura 27
Aya 14
14
وَجَحَدوا بِها وَاستَيقَنَتها أَنفُسُهُم ظُلمًا وَعُلُوًّا ۚ فَانظُر كَيفَ كانَ عاقِبَةُ المُفسِدينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उन्होंने ज़ुल्म और सरकशी से उनका इनकार कर दिया, हालाँकि उनके जी को उनका विश्वास हो चुका था। अब देख लो इन बिगाड़ पैदा करनेवालों का क्या परिणाम हुआ?