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Sura 24
Aya 47
47
وَيَقولونَ آمَنّا بِاللَّهِ وَبِالرَّسولِ وَأَطَعنا ثُمَّ يَتَوَلّىٰ فَريقٌ مِنهُم مِن بَعدِ ذٰلِكَ ۚ وَما أُولٰئِكَ بِالمُؤمِنينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (जो लोग ऐसे भी है जो) कहते हैं कि ख़ुदा पर और रसूल पर ईमान लाए और हमने इताअत क़ुबूल की- फिर उसके बाद उन में से कुछ लोग (ख़ुदा के हुक्म से) मुँह फेर लेते हैं और (सच यूँ है कि) ये लोग ईमानदार थे ही नहीं