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Sura 2
Aya 230
230
فَإِن طَلَّقَها فَلا تَحِلُّ لَهُ مِن بَعدُ حَتّىٰ تَنكِحَ زَوجًا غَيرَهُ ۗ فَإِن طَلَّقَها فَلا جُناحَ عَلَيهِما أَن يَتَراجَعا إِن ظَنّا أَن يُقيما حُدودَ اللَّهِ ۗ وَتِلكَ حُدودُ اللَّهِ يُبَيِّنُها لِقَومٍ يَعلَمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

(दो तलाक़ो के पश्चात) फिर यदि वह उसे तलाक़ दे दे, तो इसके पश्चात वह उसके लिए वैध न होगी, जबतक कि वह उसके अतिरिक्त किसी दूसरे पति से निकाह न कर ले। अतः यदि वह उसे तलाक़ दे दे तो फिर उन दोनों के लिए एक-दूसरे को पलट आने में कोई गुनाह न होगा, यदि वे समझते हो कि अल्लाह की सीमाओं पर क़ायम रह सकते है। और ये अल्लाह कि निर्धारित की हुई सीमाएँ है, जिन्हें वह उन लोगों के लिए बयान कर रहा है जो जानना चाहते हो