186وَإِذا سَأَلَكَ عِبادي عَنّي فَإِنّي قَريبٌ ۖ أُجيبُ دَعوَةَ الدّاعِ إِذا دَعانِ ۖ فَليَستَجيبوا لي وَليُؤمِنوا بي لَعَلَّهُم يَرشُدونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर जब तुमसे मेरे बन्दे मेरे सम्बन्ध में पूछें, तो मैं तो निकट ही हूँ, पुकार का उत्तर देता हूँ, जब वह मुझे पुकारता है, तो उन्हें चाहिए कि वे मेरा हुक्म मानें और मुझपर ईमान रखें, ताकि वे सीधा मार्ग पा लें