127وَاصبِر وَما صَبرُكَ إِلّا بِاللَّهِ ۚ وَلا تَحزَن عَلَيهِم وَلا تَكُ في ضَيقٍ مِمّا يَمكُرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदसब्र से काम लो - और तुम्हारा सब्र अल्लाह ही से सम्बद्ध है - और उन पर दुखी न हो और न उससे दिल तंग हो जो चालें वे चलते है