You are here: Home » Chapter 13 » Verse 3 » Translation
Sura 13
Aya 3
3
وَهُوَ الَّذي مَدَّ الأَرضَ وَجَعَلَ فيها رَواسِيَ وَأَنهارًا ۖ وَمِن كُلِّ الثَّمَراتِ جَعَلَ فيها زَوجَينِ اثنَينِ ۖ يُغشِي اللَّيلَ النَّهارَ ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآياتٍ لِقَومٍ يَتَفَكَّرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(अपनी) आयतें तफसीलदार बयान करता है और वह वही है जिसने ज़मीन को बिछाया और उसमें (बड़े बड़े) अटल पहाड़ और दरिया बनाए और उसने हर तरह के मेवों की दो दो किस्में पैदा की (जैसे खट्टे मीठे) वही रात (के परदे) से दिन को ढाक देता है इसमें शक़ नहीं कि जो लोग और ग़ौर व फिक्र करते हैं उनके लिए इसमें (कुदरत खुदा की) बहुतेरी निशानियाँ हैं